गुरुवार, 17 नवंबर 2016

फेसबुक की पोस्ट पर बढ़ती लाइक और कमेंट की संख्याओं  में वो सिर्फ एक नाम तलाशती थी, क्योंकि उसे पता था कि उसकी हर पोस्ट वो जरूर पढता है, शायद "सी फर्स्ट" कर रखा हो, पर जताता नही कभी। कोई अच्छी या बुरी प्रतिक्रिया नही, न कोई कमेंट, लेकिन पता होता हमेशा कि हर कमेंट और उसके उत्तर पर उसकी नजर रहती है। अपनी लाइक भी आम लाइक में छुपा कर देता वो, कभी कोई और रिएक्शन दिया ही नही, जैसे वे सब उसके लिए बने ही नही । न, हर पोस्ट पर लाइक नही आता था उसका, बस चुनिंदा पोस्ट्स पर ही आता था। पता नही खुद को आम लोगों  के साथ नही मिलाना चाहता था या सचमुच उसकी कुछ ही पोस्ट पसंद आतीं थी । खैर, जो भी हो, वो इन्तजार करती थी उसकी लाइक का । सैकड़ों लाइक की लिस्ट में उस एक नाम को ढूंढना उसका शगल हो गया था।  उसे अपनी हर वो पोस्ट पसंद आती थी, जिस पर उसकी लाइक हो, जैसे उसकी लाइक सबूत है कि उसने कुछ अच्छा लिखा है। इधरे उसने उसे "सी फर्स्ट " कर रखा, उसकी हर पोस्ट पर सबसे पहले आने वालों में उसका नाम होता ही था । कमेंट भी होते यदा-कदा, और उत्तर भी मिलते नपे-तुले से, और ये उत्तर उसे ख़ुशी से भर देते थे। कभी-कभी वो सोचती भी कि क्या उसे ये समझ में आता है कि उसे उस एक नाम को देखने का कितना इन्तजार रहता है। नहीं, नहीं ही जानता होगा । और वो कभी बताएगी भी नहीं ।

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